संपादक :- दीपक मदान
आज दिनांक 04-08-2022 को सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज, सेक्टर 2, भेल रानीपुर, हरिद्वार में गोस्वामी तुलसीदास जयन्ती मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रधानाचार्य नरेश कुमार चौहान माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य रुद्र प्रताप शास्त्री ने तुलसीदास के जीवन चरित्र के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किये।उन्होंने छात्रों को बताया कि गोस्वामी तुलसीदास (1511 – 1623) हिन्दी साहित्य के महान सन्त कवि थे।
रामचरितमानस इनका गौरव ग्रन्थ है। इन्हें आदि काव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का अवतार भी माना जाता है। कार्यक्रम के अगले चरण में विद्यालय में वरिष्ठ आचार्य तारा दत्त जोशी ने तुलसीदास की रचनाओं के बारे में छात्रों को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि
श्रीरामचरितमानस का कथानक रामायण से लिया गया है। रामचरितमानस लोक ग्रन्थ है और इसे उत्तर भारत में बड़े भक्तिभाव से पढ़ा जाता है। इसके बाद विनय पत्रिका उनका एक अन्य महत्त्वपूर्ण काव्य है। महाकाव्य श्रीरामचरितमानस को विश्व के 100 सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय काव्यों में 46वाँ स्थान दिया गया।
तुलसीदास रामानंदी के बैरागी साधु थे। विद्यालय के संस्कृत आचार्य मनीष बड़थ्वाल ने तुलसीदास के बारे में अपने विचार संस्कृत भाषा मे भैया बहिनों को बताए। अपने कहा कि हमे हर एक महान विभूति के जीवन चरित से हमे कुछ न कुछ प्रेरणा लेनी चाहिये।
कार्यक्रम के समापन में आशीष वचनों के साथ छात्रों को बताया कि आप अगर रामचरित मानस को जरूर पढ़ें और हम प्रण करे कि प्रतिदिन 2 -4 दोहे अर्थ सहित पढ़े तो जीवन मे ज्ञान का प्रकाश होना प्रारंभ हो जाएगा तथा सभी भैया बहिनों व समस्त आचार्य परिवार को तुलसीदास जयंती की शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य रुद्र प्रताप शास्त्री ने किया । इस अवसर पर समस्त आचार्य परिवार उपस्थित रहा।