नवीन शर्मा की रिपोर्ट
“ऑपरेशन मुक्ति”- भिक्षा नहीं, शिक्षा दें।
Support to educate a child.
पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड,अशोक कुमार की पहल पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशवंत चौहान जनपद पौड़ी गढ़वाल के नेतृत्व में, प्रभारी निरीक्षक ahtu, कोटद्वार राजेंद्र सिंह खोलिया के प्रभार में 02 माह लिए प्रदेश स्तर पर चलाए जा “ऑपरेशन मुक्ति” इस अभियान की थीम “भिक्षा नहीं शिक्षा दें” व ” support to educate a chaild ” है।
वर्तमान में “ऑपरेशन मुक्ति” के तहत उत्तराखंड पुलिस द्वारा ऐसे शिक्षा से वंचित बालकों को चिन्हित तथा इनके माता – पिता एवम सामाजिक कार्यकर्ता,स्कूल,कॉलेज के अध्यापक और विधार्थियों को इन बालकों का सहयोग करने के लिए उत्साहित किया जा रहा है, जो बालक या तो भीख मांग रहे है या पढ़ाई छोड़कर अन्य कोई काम कर रहे है।
आज दिनांक 28-8-22 को जनपद पौड़ी गढ़वाल के थाना लक्ष्मणझूला क्षेत्र के रामझूला के पास गंगा जी के किनारे देश विदेश से आए हुए यात्रियों को उत्तराखंड पौड़ी मुक्ति टीम के उप निरीक्षक v कृपाल सिंह, कांस्टेबल आशीष बिष्ट, कांस्टेबल चालक सज्जन कुमार के द्वारा समझाया गया कि आखिर आपको बालकों को भीख क्यों नहीं देनी है। यदि आप बालकों को बचपन में तो आप भीख दे दोगे लेकिन जब वो बड़ा हो जायेगा। तो आप ही उससे बोलोगे कि इतना जवान और हट्टा कट्टा होकर भी भीख मांग रहा है। भाग यहां से। बड़ा होने पर जब इसको भीख मिलगी तो वो क्या करेगा अपना पेट भरने के लिए अपराध में लिप्त हो जायेगा। इसलिए बालक को भीख नहीं देनी है। छोटे बालकों से काम करवाना कानूनी जुर्म तो है ही साथ ही उनको पढ़ाई से वंचित भी करना है।
बालकों के माता पिता को समझाया कि वह अपने बच्चों को काम नहीं कलम और किताब दे ताकि वो एक अच्छे नागरिक बने। इस समय बालक बहुत ही उत्साहित थे और स्कूल जाने के लिए उत्तराखंड पौड़ी पुलिस का नन्ही नन्ही उंगलियों से बार बार हाथ पकड़ कर अपनी तोतली आवाज में बोल रहे थे की मुद्दे वी स्टूल जाना है। इस समय सभी आने- जाने वाले यात्रियों को यह कहते हुए सुना गया कि बात तो ठीक है। भीख नहीं देनी चाहिए और बच्चों को काम पर नहीं स्कूल भेजना चाहिए । उत्तराखंड पौड़ी ऑपरेशन मुक्ति टीम को स्थानीय जनता का अपार सहयोग तो मिल ही रहा है। इसके साथ ही इस अभियान को अनोखा देश हित में अभियान बताकर काफी सराहना की जा रही है।