नवीन शर्मा की रिपोर्ट
पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड, अशोक कुमार की पहल पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशवंत चौहान जनपद पौड़ी गढ़वाल के नेतृत्व क्षेत्राधिकारी ऑपरेशन कोटद्वार/ नोडल अधिकारी वैभव सैनी के निकट निर्देशन में एवम प्रभारी निरीक्षक ahtu, कोटद्वार राजेंद्र सिंह खोलिया के प्रभार में 02 माह लिए प्रदेश स्तर पर चलाए जा “ऑपरेशन मुक्ति” इस अभियान की थीम “भिक्षा नहीं शिक्षा दें” व ” support to educate a chaild ” है।
वर्तमान में “ऑपरेशन मुक्ति” के तहत उत्तराखंड पुलिस द्वारा ऐसे शिक्षा से वंचित बालकों को चिन्हित तथा इनके माता – पिता एवम सामाजिक कार्यकर्ता,स्कूल,कॉलेज के अध्यापक और विधार्थियों को इन बालकों का सहयोग करने के लिए उत्साहित किया जा रहा है, जो बालक या तो भीख मांग रहे है या पढ़ाई छोड़कर अन्य कोई काम कर रहे है।
आज दिनांक 7-9-22 को उत्तराखंड पौड़ी टीम के उप निरीक्षक v कृपाल सिंह, कांस्टेबल मुकेश कुमार,कांस्टेबल आशीष बिष्ट के द्वारा कोटद्वार क्षेत्र में पूर्व से चिन्हित किए गए बालक और बालिकाओं को स्कूल में दाखिला कराने के लिए जैसे ही सुबह- सुबह सरिया फैक्टरी के पास मजदूरों की कॉलोनी में पहुंचे तो काफी संख्या में बालक और बालिकाएं उत्तराखंड पौड़ी ऑपरेशन मुक्ति टीम के पास आकर नमस्ते और गुड मॉर्निंग जैसे शब्दों से पुलिस का अभिवादन करने लगे। कुछ बालक ऑपरेशन मुक्ति टीम को खुद ही बताने लगे कि सर दो लडके स्कूल नहीं जाते है और कुछ लड़कियों को उनके मां बाप स्कूल भेजना नहीं चाहते है। बालकों की बात पर यकीन कर जब माता पिता से बालकों की पढ़ाई के संबंध में बातचीत की गई तो कई परिवार अपने बालकों को किसी भी कीमत पर स्कूल भेजने को तैयार ही नहीं थे। लेकिन पौड़ी टीम ने ठान रखी थी बालकों को स्कूल हर हाल में भेजना ही है। इसके लिए चाहे कुछ भी करना पढ़े। जब ऑपरेशन मुक्ति टीम ने बालकों के परिजनों को बताया कि यदि आप अपने छोटे छोटे बच्चो से काम कराओगे और स्कूल नहीं भेजोगे तो निश्चित ही आपके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जायेगी। मजदूरों के ठेकेदार को साथ लेकर आसपास के लोगों से बालकों को स्कूल भेजने तथा इनके परिजनों को समझाने में काफी सहयोग मिला और अंत में अधिकतम बालकों के माता पिता अपने नैनिहालों का मुंह हाथ साफ करके मुस्कुराते हुए हल्धुखाता प्राइमरी स्कूल में ahtu के सरकारी वाहन से दाखिला कराने आए।
वहीं शिगड़्डी क्षेत्र में कुछ बालकों के मां बापों ने पुलिस को देखकर अपने बालकों को स्कूल ना भेजने के इरादे से बालकों को घर में और पास ही नदी के किनारे झाड़ियों में छुपा दिया,लेकिन ऑपरेशन मुक्ति टीम द्वारा उनको लगभग तीन घंटे समझाकर आखिर कार उनके बालकों का स्कूल में एडमिशन करा ही दिया। अलग अलग स्कूलों में आज 27 बालक और बालिकाओं का दाखिला कराया गया। आज जब ahtu,कोटद्वार ऑपरेशन मुक्ति का सरकारी वाहन बार बार मजदूरों के बालकों को उनकी झोपड़ पट्टी से स्कूल ला और ले जा रहा था तो स्थानीय जनता में उत्तराखंड ऑपरेशन मुक्ति की पहल काफी चर्चा का विषय बनी हुई थी। इस अनोखे अभियान से हर कोई नेक और बुद्धिमान इंसान जुड़ने को किसी ना किसी रूप में तैयार था।