सम्पादक :- दीपक मदान
एम्स ऋषिकेश में कोविड -19 रोगियों की महत्वपूर्ण देखभाल प्रबंधन पर उन्नत प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ट्रेनर के सफल प्रशिक्षण कार्यशाला (TOT) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.)मीनू सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में देहरादून, पौड़ी, अल्मोड़ा और नैनीताल के अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सा पेशेवरों ने भाग लिया। जिसमें विशेषज्ञों ने प्रशिक्षणार्थी चिकित्सकों को कोविड -19 रोगियों के लिए महत्वपूर्ण देखभाल और वेंटिलेटर के प्रबंधन को कवर करने का प्रशिक्षण दिया। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के चिकित्सा शिक्षा विभाग में JHPIEGO, USAID, RISE एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से दो दिवसीय टीओटी कार्यशाला का आयोजन किया गया। बताया गया कि आयोजित कार्यशाला का उद्देश्य जिला स्तर के अस्पतालों में उन्नत क्रिटिकल केयर प्रबंधन प्रदान करना और विभिन्न राज्य सरकारों के विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करना है। इस दौरान विशेषज्ञों ने प्रशिक्षकों को श्वसन विफलता और कोविड निमोनिया के पैथोफिज़ियोलॉजी के साथ-साथ वयस्कों और बच्चों दोनों में कोविड निमोनिया के प्रबंधन, ऑक्सीजन इकोसिस्टम और ऑडिट, ऑक्सीजन वितरण उपकरण, गैर-इनवेसिव वेंटिलेशन, इनवेसिव वेंटिलेशन, वेंटिलेशन के तरीके, के बारे में आवश्यक जानकारियां प्रदान की। इस दौरान उन्हें इन उपकरणों की सेटिंग्स, वीनिंग और अन्य संबंधित तकनीकि विषयक जानकारियां उपलब्ध कराई। गौरतलब है कि कुछ माह पूर्व शुरू हुई इस प्रशिक्षण कार्यशाला की श्रंखला के अंतर्गत प्रतिभागियों का प्रारंभिक बैच हरियाणा प्रांत के अस्पतालों के चिकित्सकों का रहा। जबकि यह श्रृंखला के अंतर्गत दूसरी कार्यशाला के तहत दूसरे बैच में उत्तराखंड के विभिन्न अस्पतालों के चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया गया। जिसमें उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों के चिकित्सा पेशेवरों ने क्रिटिकल केयर के अंतर्गत विभिन्न तकनीकि जानकारियां व विशेषज्ञता हासिल की। कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ.मीनू सिंह की देखरेख में आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्यअतिथि संस्थान की संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रोफेसर जया चतुर्वेदी ने जिला स्तर के अस्पतालों के चिकित्सकों से मरीजों की महत्वपूर्ण देखभाल के लिए आवश्यकरूप से प्रशिक्षण प्राप्त करने व और अधिक दक्षता प्राप्त करने पर जोर दिया। कार्यशाला के दौरान अत्याधुनिक सिमुलेशन का उपयोग करते हुए प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग लेने वाले चिकित्सकों को घटना की अवधि के दौरान महत्वपूर्ण देखभाल और यांत्रिक वेंटिलेशन संबंधी विभिन्न गहन व तकनीक प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा प्रतिभागियों को विभिन्न वेंटिलेटर के कामकाज के तंत्र और कई नैदानिक स्थितियों के प्रबंधन के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया, कार्यक्रम में उत्तराखंड राज्य से काफी संख्या में चिकित्सा पेशेवरों ने हिस्सा लिया।कार्यशाला में टीओटी के कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. डीके त्रिपाठी, संकायगणों में डॉ. गौरव जैन, डॉ. अजय कुमार, डॉ. प्रवीण तलवार, डॉ. दीपक सिंगला, डॉ. भावना गुप्ता, डॉ. समीर शर्मा, डॉ. सौरव चंद्राकर, डॉ. ऋचा, डॉ. शफीक के अलावा सामान्य चिकित्सा विभाग से डॉ. प्रसन्न कुमार पंडा और बाल रोग विभाग से डॉ. विनोद शामिल थे।