सम्पादक :- दीपक मदान
पुलिस स्मृति दिवस
आज दिनांक 21 अक्टूबर 2022 को पुलिस शहीद स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन देहरादून स्थित शहीद स्मारक स्थल पर श्रृद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में सुबोध उनियाल, माननीय मंत्री उत्तराखण्ड, माननीय पूर्व मुख्यमंत्री- त्रिवेन्द्र सिंह रावत, माननीय मेयर देहरादून- सुनील उनियाल गामा, माननीय विधायकगण- खजान दास, बृज भूषण गैरोला, श्रीमती सविता कपूर, अपर मुख्य सचिव गृह- श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव- श्रीमती मनीषा पंवार, आनन्द बर्द्धन, विभिन्न आयोगों के अध्यक्ष एवं सदस्य गण, सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक- अनिल के0 रतूड़ी, अपर पुलिस महानिदेशक, सीआइडी/पीएसी- पीवीके प्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन- अभिनव कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस दूरसंचार- अमित सिन्हा, समस्त पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं गणमान्य महानुभाव भी उपस्थित रहे और शहीद हुए पुलिस कर्मियों को याद कर उन्हे भावभीनी श्रृद्धांजलि अर्पित की गयी। कार्यक्रम का संचालन फायरमैन मनीष पंत एवं महिला आरक्षी सोनिया जोशी द्वारा किया गया।
माननीय प्रधानमंत्री के उत्तराखण्ड भ्रमण कार्यक्रम में व्यस्तता के कारण माननीय मुख्यमंत्री श्रृद्धांजलि कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो पाए। उनके स्थान पर सुबोध उनियाल, माननीय मंत्री उत्तराखण्ड द्वारा श्रृद्धांजलि कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया।
मुख्य अतिथि माननीय मंत्री- सुबोध उनियाल का उद्धबोधन
आज का दिन हमारे लिये बहुत ही महत्वपूर्ण हैं, वैसे तो हर वर्ष माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा इस कार्यक्रम को संबोधित किया जाता है किंतु मुख्यमंत्री जी का माननीय प्रधानमंत्री जी के उत्तराखण्ड भ्रमण कार्यक्रम में व्यस्तता के कारण कार्यक्रम को संबोधित करने का अवसर आज मुझे प्राप्त हुआ है। यह मेरे लिये गर्व की बात है। इस अवसर पर इन वीर शहीदों के परिजनों के प्रति भी अपनी हार्दिक संवेदनायें व्यक्त करता हूँ।
उत्तराखण्ड राज्य की सीमायें नेपाल, चीन से मिलती है। अतः उत्तराखण्ड भौगोलिक एवं सामरिक महत्व के दृष्टिगत राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अत्यन्त संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण है। राज्य के विकास में उत्तराखण्ड पुलिस का महत्तवपूर्ण योगदान है तथा उत्तराखण्ड पुलिस अपने नारा मित्रता, सेवा, सुरक्षा के मूल्यों की भावना के अनुरुप कार्य करते हुए अपराध एवं कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए बहुत चुनौतियों का सामना कर रही है, जिनमें नशा, साइबर क्राईम, महिला अपराध, यातायात व्यवस्था, चारधाम यात्रा, आपदा, भूस्खलन, कॉवड यात्रा आदि हैं। प्रशंसनीय है कि उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा इस बार भी चारधाम यात्रा व कॉवड यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराया गया। इसी प्रकार मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि उत्तराखण्ड पुलिस अपनी उपलब्ध जनशक्ति एवं संसाधनों से सभी चुनौतियों का सामना करने में सफल होगी।
पुलिस कर्मी वर्दीधारी संगठन में होने के कारण अनुशासन में बंधे रहते हैं। कठोर एंव विपरीत परिस्थितियों में चुनौतीपूर्ण कार्याे का निवर्हन करते हैं। प्रदेश के विकास एवं शान्ति व्यवस्था/कानून व्यवस्था बनाये रखने में राज्य पुलिस बल की सराहनीय भूमिका है। हमारी सरकार पुलिस कर्मियों को अपने दायित्यों का निर्वहन करने हेतु उनकी कल्याणकारी योजनाओं/सुविधाओं पर विशेष ध्यान रख रही है।
माननीय मुख्यमंत्री का वीडियो सन्देश
माननीय मुख्यमंत्री द्वारा कर्तव्य पालन में अपने प्राणों की आहुति देने वाले पुलिस जनों को श्रद्धांजलि देते हुए वीडियो सन्देश प्रेषित किया गया। वीडियो सन्देश में माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि- हमने एक अग्रणी कदम बढ़ाते हुए जनसामान्य की सुविधा के लिए पुलिस से संबंधित समस्त सेवाओं का लाभ जनता को दिए जाने के उद्देश्य से उत्तराखंड पुलिस एप एवं ई-एफआईआर की सुविधा प्रदान की गई है।
हमारी सरकार सभी क्षेत्रों के साथ-साथ अपने पुलिस परिवार का भी विशेष ध्यान रख रख रही है। इसलिए इस अवसर पर मैं पुलिस अधिकारी कर्मचारियों के कल्याणार्थ निम्नलिखित घोषणाऐं करता हूं-
1. उत्तराखंड पुलिस विभाग में कार्यरत कार्मिकों के पौष्टिक आहार भत्ते में रुपए 200/- की बढ़ोतरी।
2. उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड पुलिस विभाग के समस्त प्रशिक्षण संस्थाओं में नियुक्त प्रशिक्षकों को उनके मूल वेतन का 15 प्रतिशत प्रशिक्षण भत्ता प्रदान किया जाएगा।
पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड का उद्धबोधन
पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर उपस्थित विशिष्ट अतिथिगण, पुलिस के मेरे साथियों मैं यहां पर उपस्थित सभ्रांत जनों को अवगत कराना चाहूंगा कि 21 अक्टूबर का दिन देशभर के सभी राज्य पुलिस बलों,केंद्रीय सशस्त्र बलों एवं देश के अन्य सभी केंद्रीय पुलिस संगठनोंके लिए एक विशिष्ट एवं महत्वपूर्ण दिन है।इसकी पृष्ठभूमि के रूप में बताना चाहूंगा कि 21 अक्टूबर 1959 को भारत की उत्तरी सीमा पर लद्दाख के 16 हजार फीट ऊँचे बर्फीले एवं दुर्गम क्षेत्र हॉट स्प्रिंग में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सी0आर0पी0एफ0) की एक गश्ती टुकड़ी के 10 बहादुर जवानों ने SI करन सिंह के नेतृत्व में चीनी अतिक्रमणकारियों से लोहा लिया और अत्यन्त बहादुरी से लड़ते हुए अपनी मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी थी। इन्ही वीर सपूतों के बलिदान की स्मृति में प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर के दिन को पूरे देश में “पुलिस स्मृति दिवस”या पुलिस शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
विगत एक वर्ष में सम्पूर्ण भारत में राज्य पुलिस एवं केन्द्रीय सुरक्षा बलों के कुल 264 कर्मियों ने कर्तव्यपालन के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी है, इनका विवरण इस प्रकार हैः-
क्र0 सं0 राज्य का नाम शहीदों की संख्या
1 आन्ध्र प्रदेश 08
2 असम 04
3 बिहार 07
4 छत्तीसगढ़ 03
5 गोवा 02
6 गुजरात 08
7 हरियाणा 02
8 हिमाचल प्रदेश 02
9 झारखण्ड 02
10 कर्नाटक 11
11 केरल 01
12 मध्य प्रदेश 16
13 मणिपुर 01
14 नागालैण्ड 01
15 उडीसा 02
16 राजस्थान 03
17 सिक्किम 06
18 तमिलनाडू 03
19 त्रिपुरा 01
20 उत्तर प्रदेश 07
21 उत्तराखण्ड़ 06
22 पश्चिम बंगाल 18
23 दिल्ली 05
24 जम्मू एण्ड कश्मीर 37
25 बी0एस0एफ0 27
26 सी0आई0एस0एफ0 06
27 सी0आर0पी0एफ0 30
28 आई0टी0बी0पी0 14
29 एन0एस0जी0 01
30 एस0एस0बी0 03
31 एन0डी0आर0एफ0 04
32 असम राईफल 06
33 आर0पी0एफ0 17
कुल योग 264
इस अवधि में उत्तराखण्ड पुलिस के जिन 06 अधिकारियों/ कर्मचारियों ने ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी है, उनका विवरण इस प्रकार है-
1-उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस अमरपाल सिंह, नैनीताल
2-उप निरीक्षक(वि0श्रे0) 31 नागरिक पुलिस विजय लक्ष्मी, चम्पावत
3-आरक्षी 121 सशस्त्र पुलिस अरूण कुमार मौर्य, नैनीताल
4-आरक्षी 69 नागरिक पुलिस अनिल कुमार, चमोली
5-महिला आरक्षी नागरिक पुलिस नीलम रत्नाकर, ऊधमसिंहनगर
6-फायरमैन नितिन सिंह राणा, नैनीताल
उत्तराखण्ड पुलिस के सभी शहीद पुलिस जनों को कोटि-कोटि नमन।
देश में शहीद हुए अधिकांश पुलिस कर्मी नक्सली, आतंकवादी एवं उग्रवादी घटनाओं में शहीद हुए हैं। पुलिस का कार्य 24 घण्टे 365 दिन का होता है। पुलिस थाना कभी बन्द नहीं होता है। प्रतिदिन नये किस्म के अपराध/शान्ति व्यवस्था, आपदा एवं आन्तरिक सुरक्षा की जटिलताएं पुलिस के लिए नई चुनौतियां पेश कर रहे हैं,जैसे कि साइबर क्राइम और ड्रग्स नवीनतम क्षेत्र है, जहां पुलिस को अपराधियों से जूझना है। प्रदेश सरकार द्रारा पुलिस कर्मियों एवं उनके परिवारों के हितार्थ समय समय पर कई कल्याणकारी योजनाएं स्वीकृत की गयी हैं। इन योजनाओं से उत्तराखण्ड पुलिस कर्मी एवं उनके पारिवारिक-जन लाभान्वित होते रहे है।माननीय मुख्यमंत्री स्वयं एक सैनिक के सुपुत्र हैं तथा एक जवान की पीड़ा को अच्छी तरह समझते हैं। वे पुलिस कर्मियों की समस्या के प्रति गंभीर एवं संवेदनशील हैं। उनका रुख पुलिस कर्मियों के प्रति सकारात्मक है एवं वे सदैव उनके कल्याण के प्रति समर्पित रहते हैं। मुझे उम्मीद ही नहीं पूरा विश्वास है कि राज्य सरकार पुलिस कर्मियों के हित में नए नए कदम उठाती रहेगी। मैं माननीय मुख्यमंत्री महोदय को आश्वस्त करना चाहॅूगा कि आपके नेतृत्व में उत्तराखण्ड पुलिस का हर सदस्य सरकार के सकारात्मक रवैये को दृष्टिगत रखते हुए तथा अपने शहीद साथियों के बलिदान से प्रेरणा लेते हुए पूरी लगन, सत्यनिष्ठा एवं जोश से अपने दायित्वों का निर्वहन करेगा तथा कर्तव्यपालन की राह में आने वाली हर चुनौती का सामना करते हुए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करेगा। स्मृति दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि महोदय द्वारा शहीद पुलिस कर्मियों के परिवारजनों को शॉल प्रदान कर सम्मानित किया गया।