सम्पादक :- दीपक मदान
हरिद्वार। 19 जनवरी. फुटपाथ के कारोबारी रेडी पटरी के स्ट्रीट वेंडर्स लघु व्यापारियों के मात्र संगठन लघु व्यापार एसोसिएशन से जुड़े रेडी पटरी के संगठनों के प्रतिनिधियों ने लघु व्यापार एसोसिएशन संगठन का अपना 20वा स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। संगठन के स्थापना दिवस पर न्यू प्रथम स्मार्ट वेंडिंग जोन प्रांगण में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि लघु व्यापार एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा गोष्ठी की अध्यक्षता स्थानीय व्यापारी नेता जय सिंह बिष्ट ने की संचालन इकाई अध्यक्ष मनोज मंडल द्वारा किया गया विचार गोष्ठी में लघु व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने संगठन की उपलब्धि के साथ आगामी 19 जनवरी 2024 का लक्ष्य निर्धारित करते हुए संकल्प लिया कि राज्य सरकार के संरक्षण में उत्तराखंड नगरी फेरी नीति नियमावली के नियम अनुसार पूरे प्रदेश में स्थानीय निकायों के माध्यम से फुटपाथ के रेडी पटरी के लघु व्यापारियों को वेंडिंग जोन के रूप में व्यवस्थित में स्थापित किए जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, शहरी विकास मंत्री, प्रेमचंद अग्रवाल को संयुक्त रूप से प्रतिवेदन, प्रस्तुत किए जाएंगेऔर पूरे उत्तराखंड राज्य में राष्ट्रीय पत्र विक्रेता संरक्षण अधिनियम के क्रियान्वयन को लेकर विचारों के आदान-प्रदान के साथ आगे बढ़ाया जाएगा। इस अवसर पर लघु व्यापार एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा 19 जनवरी 2003 को कोतवाली के सामने शहीदे पार्क में रेडी पटरी के लघु व्यापारियों को सामूहिक रूप से संगठित करते हुए लघु व्यापार एसोसिएशन का गठन किया गया आज संगठन को पूरे 20 वर्ष हो चुके हैं संगठन के संघर्ष की बदौलत रेहड़ी पटरी के लघु व्यापारियों को सामाजिक सुरक्षा के साथ शहरी समृद्धि से जोड़ा जा रहा है जो कि हर्ष का विषय है उन्होंने कहाआगामी वर्ष 2024,19 जनवरी तक संगठन के माध्यम से सभी नगर पालिका नगर निगम में राज्य फेरी नीति में नियमावली का संरक्षण रेडी पटरी के लघु व्यापारियों को दिलाने के लिए मेरे संघर्ष जारी रहेगे। लघु व्यापार एसोसिएशन की स्थापना दिवस के अवसर पर विचार गोष्ठी को संबोधित करते जय भगवान सिंह, रणवीर सिंह ,मोहनलाल, नंदकिशोर गोस्वामी, कमल पंडित, कुंदन कश्यप, विकास सक्सेना, भूपेन्द्र राजपूत प्रदुमन सिंह, वीरेंद्र,प्रभात चौधरीज्ञ कामिनी मिश्रा, सुमित्रा देवी, आशा कश्यप, सुमन गुप्ता, संगीता, प्रभादेवी, सुनीता कोरी आदि ने प्रमुख रूप से अपने विचार व्यक्त किए।