उत्तराखंड पौड़ी पुलिस द्वारा कोटद्वार में लावारिश हालत में मिली मानसिक रोगी महिला के परिजनों की तलाश कर किया सकुशल सुपुर्द।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे के द्वारा समय- समय पर अधीनस्थों को निर्देशित किया जाता कि कोई भी महिला यदि कही लावारिश या संदिग्ध परिस्थिति में मिलती है तो अभिलंब ही उसकी सुरक्षा और हर संभव मदद की जाए।
अपर पुलिस अधीक्षक, कोटद्वार शेखर सुयाल तथा क्षेत्राधिकारी विभव सैनी के निकट निर्देशन में एएचटीयू प्रभारी राजेंद्र सिंह खोलिया तथा प्रभारी निरीक्षक कोतवाली कोटद्वार मनी भूषण श्रीवास्तव के प्रभार में।
कोटद्वार के कांस्टेबल सुरेश शाह और कांस्टेबल रमेश राणा को ड्यूटी के दौरान दिनांक 5-5-23 को एक मानसिक रोगी महिला लावारिश हालत में कोटद्वार में मिली उक्त महिला के परिजनों के संबंध में एएचटीयू के अपर उप निरीक्षक कृपाल सिंह, महिला कांस्टेबल विद्या मेहता, कांस्टेबल चालक सूर्यकांत के द्वारा जानकारी हासिल करने के लिए बातचीत की गई तो महिला मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण अपना नाम सरिता बता रही थी, लेकिन पता बदल- बदल कर बता रही थी। काफी समय बाद महिला के मायके का संभावित पता और सुसराल आदि के पते को दर्शाते हुए टिहरी पुलिस और सोशल मीडिया से परिजनों की तलाश के लिए अपील की गई। इस महिला के सगे छोटे भाई मोहन सिंह पुत्र भगवान सिंह निवासी गांव खरकी(बहड़ी) थाना नरेंद्रनगर,टिहरी ने अपने बहनोई उक्त महिला सरिता देवी के पति के साथ कोटद्वार आकर बताया कि मेरी बहन मानसिक रूप से कमजोर है। मेरी बहन दिनांक: 4-5-23 को समय शाम के लगभग 7:30 बजे बिना अपने घर आदर्श ग्राम, शंकर भवन, वार्ड नंबर 05, थाना कोतवाली ऋषिकेश,देहरादून से कहीं चली गई थी। जिसकी सूचना मुझे मेरे बहनोई सूरजभान ने मुझे फोन पर दी थी हम सभी परिजन तभी से अपनी बहन सरिता को तलाश कर रहे थे। आपके द्वारा भेजा गया मेरी बहन का फोटो और वीडियो मेरे जानने वालों ने मेरे फोन पर भेजा तो मैंने अपनी बहन को एकदम पहचान लिया था। उत्तराखंड पौड़ी पुलिस ने बहुत अच्छा काम किया है। जो मेरी बहन को सकुशल रखा गया है।
सरिता देवी को सीडब्ल्यूसी के मेंबर्स विमल ध्यानी के संज्ञान में लाकर नियमनुसार उक्त महिला सरिता देवी को इनके पति और इनके भाई को सुपुर्द किया गया। सरिता देवी के पति और भाई दोनों खुशी- खुशी सरिता देवी को अपने साथ ले गए और बार- बार यही बोलते हुए कि पुलिस ने बहुत अच्छा काम किया है, सराहना कर रहे थे।