सम्पादक :- दीपक मदान
आज दिनांक 06 सितंबर 2023, दिन बुधवार को सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज सेक्टर 2 भेल रानीपुर हरिद्वार में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर विद्यालय के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रधानाचार्य लोकेंद्र दत्त अंथवाल एवम विद्यालय प्रबंधक दीपक सिंघल ने सामूहिक रूप से मां सरस्वती एवम श्री कृष्ण के सम्मुख दीप प्रज्वलित एवं पुष्पार्चन द्वारा किया । कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के आचार्य मनीष खाली जी एवम श्रीमती नेहा वर्मा ने किया। आचार्य मनीष ने श्री कृष्ण के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। आपने सभी छात्रों को बताया कि भारत में कृष्णा जन्माष्टमी पर्व का बहुत महत्व है| यह हिन्दू धर्म का त्यौहार है| यह पर्व भगवान् कृष्ण के जन्मोत्सव पर मनाया जाता है| उन्होंने धरती पर मानव रूप में जन्म लिया था वे मानव जीवन को बचाने के लिए और मानव के दुखों को दूर कर सकते हैं। इस पर्व पर बहुत से हिन्दू धर्म के अनुयाई व्रत रखते है ताकि वे भगवान् कृष्ण को प्रसन्न कर सके| इसे कई अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे – कृष्णाष्टमी, गोकुलाष्टमी, अष्टमी रोहिणी, श्री कृष्ण जयंती। कार्यक्रम की अगली कड़ी में कक्षा 6 से 8 तक के छात्र, छात्राओं द्वारा मंच पर राधा और कृष्ण की ड्रेस में उपस्थित होकर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए । कार्यक्रम में भी कुछ विद्यार्थियों ने पोस्टर प्रतियोगिता में भी प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्य ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि जन्माष्टमी, भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के अवसर को मनाने वाला महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है। यह त्योहार हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की आषाढ़ नक्षत्र के दिन मनाया जाता है। श्रीकृष्ण का जन्म एक आध्यात्मिक घटना है जो हमें भगवान के मानव रूप में प्रकट होने की महत्वपूर्ण बात याद दिलाती है। जन्माष्टमी का उद्देश्य है हमें श्रीकृष्ण के जीवन और संदेश से प्रेरित करना, उनके आदर्शों का पालन करना, और उनके प्रेम और भक्ति की भावना को अपने जीवन में अपनाने का प्रेरणा प्रदान करना है। कार्यक्रम की अगली कड़ी में विद्यालय के प्रबंधक ने कहा कि श्रीकृष्ण का जीवन अत्यंत महत्वपूर्ण और गर्वशील था। उनका जन्म मथुरा में हुआ था, जहां उनके माता-पिता वसुदेव और देवकी जब उनके जन्म के समय गिरफ्तार हो गए थे। उन्होंने बचपन में वृंदावन में गोपियों के साथ खुशी-खुशी खेला और वाणी बजाते थे, जो उनके भक्तों के दिलों को छू लेती थी। उनके बचपन के खेल, जिसे हम लीला कहते हैं, उनके प्रेम और मानवता की महत्वपूर्ण बातें हैं। उन्होंने गोपियों के साथ मिश्री खाने, माखन चुराने, और गोवर्धन पर्वत को उठाने के रूप में अनेक छवियाँ दिखाईं। इन लीलाओं के माध्यम से, वे हमें प्रेम का महत्व और खुशियों के मानवता में योगदान करने की महत्वपूर्ण शिक्षाएँ देते हैं। कार्यक्रम में प्रवीण कुमार, हरीश श्रीवास्तव ,भानु प्रताप सिंह, अमित कुमार, दीपक कुमार ,तारा दत्त जोशी, रुद्र प्रताप शास्त्री, लीना शर्मा, सुमन त्यागी ,मंजू सिंह आदि उपस्थित रहे।