सम्पादक :- दीपक मदान
रुड़की।ज्योतिष गुरुकुलम में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिवस के अवसर पर कथा व्यास आचार्य रमेश सेमवाल ने कहा कि भगवान जीव का कल्याण करते हैं।सुखदेव जी ने कथा सुनाई परीक्षित जी ने भागवत कथा सुनी और उनका कल्याण हुआ तथा मोक्ष प्राप्त हुआ।कथा व्यास आचार्य रमेश सेमवाल ने कहा कि जीव को निरंतर भगवान का सहारा लेना चाहिए।अर्जुन ने भगवान को अपना सब कुछ सौंप दिया था।सुदामा ने भगवान को सब कुछ सौंप दिया था।विदुर ने भगवान को सबको सौंप दिया था।प्रहलाद ने भगवान को सबको सौंप दिया था।ध्रुव ने भी भगवान को सबको सौंप दिया था।प्रत्येक मनुष्य को भगवान को सबकुछ सौंप देना चाहिए।भगवान की भक्ति करनी चाहिए।इस महान काली काल में जहां संसार में अशांति का वातावरण है,वहीं भगवान की भक्ति से संसार में शांति स्थापित होती है।भागवत कथा से शांति स्थापित होती है।सनातन परंपराएं पूर्ण वैज्ञानिक हैं।सनातन परंपरा पर ही चलना चाहिए।कथा व्यास ने रुक्मणी और भगवान कृष्ण के विवाह की सुंदर कथा सुनाई।उन्होंने कहा कि जीव का ब्रह्म से संबंध ही विवाह है।भगवान श्री कृष्णा और रुक्मणी जी का विवाह भौतिक विवाह नहीं था यह आध्यात्मिक विवाह था।जीव का ब्रह्म मिलन हो जाए तो कल्याण हो जाता है,इसलिए रुक्मणी निरंतर भगवान का ध्यान करती हैं।भगवान से ही मिलना चाहती हैं और भगवान से ही विवाह करना चाहती हैं,इसलिए प्रत्येक मनुष्य को ब्रह्म आराधना करनी चाहिए।इससे उसका कल्याण होगा।प्रत्येक मनुष्य संसार में देवता बनने आया है,इसलिए हमें देवता बनकर ही जाना है।काम,क्रोध,लोभ,मोह, अहंकार,द्वंद से मुक्त होकर परमात्मा की शरणागति लेनी चाहिएं।आज भक्तों ने भगवान कृष्ण के भजनों के द्वारा कथा पंडाल को आनंदित कर दिया।सभी भाव विभोर हो गए गये।कथा में पूर्व मेयर गौरव गोयल गोयल,चित्रा गोयल,राधा भटनागर, सुलक्षणा सेमवाल,अदिति सेमवाल,संजीव शास्त्री, नरेश शास्त्री,इंद्रमणि सेमवाल,परीक्षा वर्मा,पूजा वर्मा,मीरा वर्मा आदि भक्तगण मौजूद रहे।सभी भक्तों ने आरती कर प्रसाद ग्रहण किया।