सम्पादक :- दीपक मदान
आज दिनांक 1 दिसंबर 2023 को सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज सेक्टर 2 भेल रानीपुर हरिद्वार में विश्व एड्स दिवस का कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य प्रवीण कुमार ने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलन द्वारा किया।
कार्यक्रम में विद्यालय के आचार्य मनीष खाली ने विश्व एड्स दिवस के अवसर पर सभी भैया बहनों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व एड्स दिवस, 1988 के बाद से 1 दिसंबर को हर साल मनाया जाता है।
जिसका उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रसार की वजह से एड्स महामारी के प्रति जागरूकता बढाना , और इस बीमारी से जिसकी मौत हो गई है उनका शोक मनाना है। सरकार और स्वास्थ्य अधिकारी, ग़ैर सरकारी संगठन और दुनिया भर में लोग अक्सर एड्स की रोकथाम और नियंत्रण पर शिक्षा के साथ, इस दिन का निरीक्षण करते हैं। एड्स का पूरा नाम ‘एक्वायर्ड इम्यूलनो डेफिसिएंशी सिंड्रोम’ (acquired immune deficiency syndrome) है और यह एक तरह का विषाणु है, जिसका नाम HIV (Human immunodeficiency virus) है.
विश्व एड्स दिवस विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा चिह्नित ग्यारह आधिकारिक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियानों में से एक है । प्रारंभ में विश्व एड्स दिवस को सिर्फ बच्चों और युवाओं से ही जोड़कर देखा जाता था परन्तु बाद में पता चला कि एचआईवी संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है. इसके बाद साल 1996 में HIV/AIDS पर संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक स्तर पर इसके प्रचार और प्रसार का काम संभालते हुए साल 1997 में विश्व एड्स अभियान के तहत संचार, रोकथाम और शिक्षा पर कार्य करना शुरू किया। विश्व एड्स दिवस 1 दिसंबर 1988 को होना चाहिए।
पहले दो वर्षों में, विश्व एड्स दिवस की थीम बच्चों और युवाओं पर केंद्रित थी। जबकि इस विषय की पसंद की उस समय कुछ लोगों द्वारा इस तथ्य की अनदेखी करने के लिए आलोचना की गई थी कि सभी उम्र के लोग एचआईवी से संक्रमित हो सकते हैं, इस विषय ने बीमारी के आस-पास के कुछ कलंक को कम करने और पारिवारिक बीमारी के रूप में समस्या की पहचान को बढ़ावा देने में मदद की। कार्यक्रम में विद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।