सम्पादक :- दीपक मदान
आज दिनांक 18 मई 2024 को सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज सेक्टर 2 रानीपुर भेल हरिद्वार में कन्या भारती की छात्राओ द्वारा शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रधानाचार्य लोकेंद्र दत्त अंथवाल तथा श्रीमती पूनम राणा (प्रधानाचार्य राजकीय कन्या इंटर कॉलेज तथा सरस्वती शिशु मंदिर की पूर्व छात्रा तथा राजकीय राज्य स्तर शैलेश मटियानी पुरस्कार 2022 से सम्मानित) ने ज्ञानदायिनी मां सरस्वती तथा परम पावन ओम के सम्मुख दीप प्रज्वलन किया । कार्यक्रम का संचालन श्रीमती नेहा जोशी ने किया । आपने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि विद्या भारती की योजना अनुसार छात्राओं को प्रबल समर्थ एवं नेतृत्व क्षमता से परिपूर्ण बनाने के उद्देश्य से कन्या भारती का गठन विद्यालय स्तर पर किया जाता है, साथ ही छात्राओं को समाज कार्य में निपुण बनाने नेतृत्व कौशल का सामर्थ्य संचारित करने के उद्देश्य से विद्यालय स्तर पर गठन करके प्रधानमंत्री एवं मंत्रिमंडल का चुनाव होता है। कार्यक्रम की अगली कड़ी में उपस्थित मुख्य अतिथि श्रीमती पूनम राणा ने कन्या भारती के सभी पदाधिकारियों को शुभकामनाएं दी साथ ही अपने पद की गरिमा बनाए रखना , दायित्व को सही ढंग से निर्वहन करने , विद्यालय की गरिमा को बढ़ाने के लिए तथा विद्यालय की उन्नति में पूर्ण सहयोग करने के लिए आप तत्पर रहेंगे इस प्रकार की शपथ छात्राओ को दिलवाई। कन्या भारती के गठन का उद्देश्य बालक का समग्र विकास मातृत्व कर्तव्य , नेतृत्व एवं राष्ट्र का विकास करना है । कार्यक्रम में श्रीमती पूनम राणा एवम प्रधानाचार्य ने कन्या भारती की सभी छात्राओं को शपथ दिलवाई। कन्या भारती में प्रधानमंत्री- छात्रा संस्कृति(12 A), उपप्रधानमंत्री- छात्रा वंशिका धीमान(11 C), सेनापति- छात्रा लावण्या(9B), उपसेनापति- छात्रा हंशिका (7C), न्यायाधीश – छात्रा जैनव (12 D), उपन्यायाधीश- महक (11F) आदि ने शपथ लेकर अपने कार्य को पूर्ण रूप से ईमानदारी एवं निष्ठा से निर्वहन करने के लिए संकल्प लिया। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य ने सभी कन्या भारती की छात्राओं को शुभकामनाएं दी एवं मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती पूनम राणा को विद्यालय में उपस्थित होने पर धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया । कार्यक्रम में अमित कुमार ,जयपाल सिंह, श्रीमती लीना, श्रीमती हेमा जोशी, श्रीमती इंदु, भानु प्रताप, हरीश श्रीवास्तव, देवेश पराशर आदि सभी आचार्य उपस्थित रहे।