December 23, 2024 10:25 pm

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RISHIKESH NIGAM NEWS ऋषिकेश नगर निगम ने दिखाई प्लास्टिक कूड़ा प्रबंधन की राह

प्लास्टिक कूड़ा प्रबंधन, हमारे शहरी जीवन के सामने एक चुनौती बनकर उभर रहा है। ऐसे में ऋषिकेश नगर निगम ने प्लास्टिक कूड़े का प्रबंधन कर नगर निकायों के सामने उदाहरण पेश किया है। नगर निगम प्लास्टिक कूड़े को ना सिर्फ सफलता पूर्वक एकत्रित कर रहा है, बल्कि इसे रीसाइक्लिंग करके जरिए फिर कई तरह से इस्तेमाल भी कर रहा है। तीर्थनगरी के साथ ही राफ्टिंग-कैम्पिंग का प्रमुख केंद्र होने के कारण ऋषिकेश में वर्षभर श्रद्धालुओं और पयर्टकों की भीड़ भाड़ लगी रहती है।

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इस कारण यहां प्लास्टिक कूड़ा का प्रबंधन चुनौतीपूर्ण काम है। नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी की पहल पर इसके लिए ऋषिकेश नगर निगम ने सबसे पहले आईएसबीटी, त्रिवेणी घाट और वीरभद्र में प्लास्टिक बैंक की स्थापना की, प्लास्टिक बैंक के बॉक्स बनाने के लिए पुरानी प्लास्टिक बोतलों को ही इस्तेमाल किया गया। जिसमें लोग खुद खाली बोतलें या अन्य प्लास्टिक कचरा डालते हैं, इन प्लास्टिक बैंक से अब तक करीब 400 किलो तक प्लास्टिक रीसायकल हो चुका है। इस प्रयोग की सफलता को देखते हुए नगर निगम अब नटराज, ट्रांजिट कैंप, रेलवे स्टेशन में भी प्लास्टिक बैंक स्थापित करने जा रहा है।

प्लास्टिक कचरा एकत्रित करने के साथ ही इसे फिर से इस्तेमाल किया

वेस्ट टू वंडर पार्कः ऋषिकेश नगर निगम ने परिसर में प्लास्टिक वेस्ट से ‘वेस्ट टू वंडर’ पार्क भी तैयार किया है, जिसमें पुराने टायर, खराब हो चुकी स्ट्रीट लाइट, साइकिल-स्कूटर जैसे सामान से बच्चों के झूले और सजावटी सामान तैयार किए गए हैं। साथ ही नगर निगम रीसायकल प्लास्टिक से बैंच, ट्री कार्ड, प्लास्टिक बैंक बॉक्स भी तैयार कर रहा है।

महिला समूहों को जोड़ा अभियान सेः ऋषिकेश नगर निगम में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, के बावजूद पहले यूजर चार्ज, महज तीन लाख महीने तक ही जमा हो पाता था, लेकिन अब नगर निगम ने यूजर चार्ज वसूलने का काम, महिला स्वयं सहायता समूहों (त्रिवेणी सेना) को दे दिया है, जिसके बाद नगर निगम का कलेक्शन 13 लाख के पार चला गया है। इसमें से नगर निगम महिला समूहों को 25 प्रतिशत लाभांश देता है। इस तरह करीब 250 महिलाओं को प्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिला है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि सभी निकायों को प्लास्टिक कूड़ा निस्तारण की ठोस व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। इस दिशा में निकायों के स्तर पर कई नवीन प्रयास किए जा रहे हैं, कुछ जगह क्यूआर कोड के जरिए भी प्लास्टिक की वापसी की जा रही है। सरकार इस दिशा में बेहतर काम करने वाले निकायों को पुरस्कृत भी कर रही है।

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