December 23, 2024 6:36 pm

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BREAKING NEWS : धन्य है केश के बदले खोपड़ी उतरवाने वाला वो सिख जिसने अंतिम साँस तक इस्लाम नहीं कबूला

आज ‘भाई तारू सिंह’ सिखों के बीच वो नाम है जिसे सिख धर्म के इतिहास में गर्व से लिया जाता है। उनकी शहीदी को कोई भी सिख भूल नहीं सकता, यही कारण है कि उनके नाम तारू सिंह के सामने सिख उन्हें भाई लगाकर सम्मान देते हैं और उन्हें भाई साहिब भी कहा जाता है।

भाई तारू सिंह का किस्सा उस समय का है जब पंजाब के अमृतसर में मुगलों का राज शुरू हो चुका था और लाहौर का गवर्नर जकारिया खान था। मुगल ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस्लाम कबूल करवाकर अपनी ताकत बढ़ाना चाहते थे। मगर भाई तारू सिंह को यह अत्याचार मंजूर नहीं था। वह अपनी माता के साथ पहूला गाँव में रहते थे और सिख धर्म ही उनके लिए सब कुछ था।

भाई तारू सिंह अपने धर्म के प्रति इतने ईमानदार थे कि रोजाना सुबह 21 बार जपुजी साहिब का पाठ करने के बाद ही अन्न-जल ग्रहण करते थे और गाँव में आने जाने वाले प्रत्येक गुरुसिक्ख के रहने की व्यवस्था करना और जंगलों में रहने वाले सिंखों के लिए लंगर तैयार कर उन तक पहुँचाने की सेवा उनकी दिनचर्या थी।

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