नवीन शर्मा की रिपोर्ट
“ऑपरेशन मुक्ति”- भिक्षा नहीं, शिक्षा दें।
Support to educate a child.
पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड, अशोक कुमार की पहल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशवंत चौहान जनपद पौड़ी गढ़वाल के नेतृत्व में, अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार शेखर चंद सुयाल व क्षेत्राधिकारी ,क्षेत्राधिकारी ऑपरेशन कोटद्वार/ नोडल अधिकारी वैभव सैनी के निकट निर्देशन में एवम सुमनलता ahtu, प्रभारी कोटद्वार के प्रभार में 02 माह लिए प्रदेश स्तर पर चलाए जा “ऑपरेशन मुक्ति” इस अभियान की थीम “भिक्षा नहीं शिक्षा दें” व ” support to educate a chaild ” है।
वर्तमान में “ऑपरेशन मुक्ति” के तहत उत्तराखंड पुलिस द्वारा ऐसे शिक्षा से वंचित बालकों को चिन्हित तथा इनके माता – पिता एवम सामाजिक कार्यकर्ता,स्कूल,कॉलेज के अध्यापक और विधार्थियों को इन बालकों का सहयोग करने के लिए उत्साहित किया जा रहा है, जो बालक या तो भीख मांग रहे है या पढ़ाई छोड़कर अन्य कोई काम कर रहे है। उत्तराखंड जनपद पौड़ी गढ़वाल “ऑपरेशन मुक्ति” टीम के उप निरीक्षक v कृपाल सिंह के द्वारा एक छोटी कहानी को स्कूली छात्र और छात्राओं के साथ फिल्माया गया। जिसके सहयोगी कांस्टेबल मुकेश कुमार है। इस कहानी में (काल्पनिक नाम) चंदर नाम का एक बालक जब लगातार स्कूल जाता है तो वह अपनी क्लास में बहुत होशियार होता है। जैसे – जैसे चंदर अपने पिता के काम में हाथ बटाने लगता है। वैसे – वैसे चंदर अपनी क्लास के और बालकों से पढ़ाई में काफी पिछड़ जाता है और चंदर के पिताजी अब अपना सारा काम चंदर से ही कराते है और खुद अपनी रिश्तेदारियों में घूमते रहते है। एक दिन चंदर का नाम स्कूल से कट जाता है। उत्तराखंड पुलिस के “ऑपरेशन मुक्ति” अभियान के तहत बालक चंदर और इनके पिता को चंदर को स्कूल भेजने के लिए उत्साहित करती है। चंदर और चंदर के पिता उत्तराखंड पुलिस की अपील को मान लेते है और उत्तराखंड पुलिस चंदर का नाम स्कूल में खुद जाकर जुड़वा देती है। चंदर फिर से स्कूल में जाकर पढ़ाई करने लगता है।
पौड़ी टीम:-
1- प्रभारी सुमनलता
2- उप निरीक्षक v कृपाल सिंह
3- HC योगेंद्र सिंह
4- कांस्टेबल मुकेश कुमार
5- कांस्टेबल आशीष बिष्ट
6- कांस्टेबल सज्जन कुमार
7- महिला कांस्टेबल विद्या मेहता