सम्पादक :- दीपक मदान
रुड़की।आदर्श शिवाजी नगर रामलीला समिति,ढंडेरा द्वारा पर्वतीय परंपराओं से प्रेरित प्रभु श्रीराम की लीला के सजीव अभिनय के मंचन का शुभारंभ मुख्य अतिथि गौरव गोयल मेयर,विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी,राजेंद्र सिंह रावत,ज्ञान सिंह बिष्ट,जगमोहन सिंह रावत,माया भट्ट,मेजर विकास कंडारी,नरेंद्र सिंह धामी,वीरेंद्र सिंह रावत, उमेश सिंह नेगी,वीरेंद्र राणा,मीना देवी व योगाचार्य सर्वेश गोस्वामी द्वारा फीता काटकर किया गया।सातवें दिन की रोचक रामलीला में रामचंद्र सीता को खोजते हुए वन में घूमते हैं,वहां उन्हें घायल जटायु मिलता है,जो रावण द्वारा सीता को हर ले जाने की बात बताता है।श्रीराम जटायु का तारण करते हैं।अन्ततः सीता की खोज करते हुए राम-लक्ष्मण सबरी की कुटिया में पहुंचते हैं।सबरी उन्हें जूठे बेर खिलाती है और कहती है कि किस्कन्धा पर्वत पर सुग्रीव अपने भाई बाली से तंग आकर रह रहा है,उधर सुग्रीव वन में विचरते राम-लक्ष्मण का भेट लेने हनुमान को भेजते हैं।हनुमान को जब प्रभु श्रीराम के बारे में पता चलता है तो उनके परम भक्त बन जाते हैं और सुग्रीव की कथा सुनाकर उनसे मित्रता करवाते हैं
सुग्रीव श्रीराम के कहने पर बाली से युद्ध करते हैं बाली की शक्ति का पता लगने पर श्रीराम बाली को शुगर तीर मारते हैं।श्रीराम बाली की अंतिम इच्छा पूछते हैं।बाली श्री राम से मुक्ति की प्रार्थना करता है।रामचंदर बाली का उद्धार करते हैं और सुग्रीव को पंपापुरी का राजा बनाने के साथ आज की भगवान रामचंद्र जी की लीला का समापन हो जाता है।इस अवसर पर गौर सिंह भंडारी,सतीश चंद कुकरेती, सतीश नेगी,पुष्कर सिंह तोमर,रविंद्र सिंह पंवार, महावीर प्रसाद डोवाल,शिशुपाल सिंह बिष्ट,बच्ची राम कुण्डलिया, उमराव सिंह पटवाल,विजय सिंह पवार,आनंद सिंह बडथ्वाल,भगत सिंह रावत,जय सिंह नेगी,बालम सिंह नेगी,जयवीर सिंह रावत,रंजीत सिंह रावत, दरबान सिंह बुटोला,पारेशवर प्रसाद लखेड़ा,सत्येंद्र सिंह नेगी,योगम्बर सिंह रौथान, सुरेंद्र सिंह नेगी श्याम सिंह पंवार,लक्ष्मण सिंह बिष्ट, राजेंद्र सिंह रावत,ज्ञान सिंह बिष्ट,ऋतिक नेगी,बादल लखेरा,विजय रावत, दिव्यांशु थपलियाल,रितु लखेड़ा,रिया बिष्ट,मोनिका नेगी,लव्वी रावत,अंजलि रावत,संतोषी राणा,रामेश्वरी पंवार आदि रामभक्त उपस्थित रहे।