December 23, 2024 5:59 pm

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मेडबिक्री ने प्री-सीड फंडिंग में 650,000 अमेरिकी डॉलर जुटाए।

 

हरिद्वार। मेडब्रिकी, एक यूनिक इन्वेंट्री मैनेजमेंट एप, के निर्माता ने घोषणा की है कि उन्होंने प्री-सीड फंडिंग राउंड में 650,000 अमेरिकी डॉलर जुटाए हैं। प्री-सीड राउंड का नेतृत्व 3 वन4 कैपिटल ने किया था। इसमें अन्य निवेशकों में सिद्धार्थ आहलूवालिया (संस्थापक, 100 एक्स एंटरप्रेन्योर), तेज कपूर (मैनेजिंग पार्टनर, आइवीकैप), संजीव बरनवाल और विदित अत्रे (संस्थापक, मीशो), सौरभ अग्रवाल और मनीष जेठानी (संस्थापक, हेवो टेक्नोलॉजीज), राहुल शर्मा (सह-संस्थापक, जेटवर्क), अमित दमानी (संस्थापक, स्टेविस्टा), और वीरेन प्रसाद शेट्टी (कार्यकारी उपाध्यक्ष, नारायण हेल्थ) शामिल हैं। मेडबिक्री ऐप देश भर में फार्मेसियों के लिए मुफ्त में उपलब्ध है। यह एप केमिस्ट/फार्मासिस्ट को खरीदी के बिलों की तस्वीरें अपलोड करके, बिक्री के रिकॉर्ड ,ग्राहकों को ई-चालान और रिमाइंडर भेजकर आसानी से आपकी इन्वेंट्री को अपडेट करने का विकल्प देता है। कम्पनी इस फंड के जरिए टीम बनाएगी, प्रोडक्ट को डेवलप करेगी और पूरे भारत के फार्मेसियों तक मेडबिक्री को पहुँचाएगी। मेडब्रिकी का लक्ष्य पहले छह महीनों में यूपी, एमपी, बिहार, झारखंड, दिल्ली और कर्नाटक में 50,000 केमिस्ट/फार्मासिस्ट को शामिल करना है। मेडबिक्री के संस्थापक और सीईओ चुशुल सूरी ने कहा कि भारत में मरीज की स्वास्थ्य से जुड़ी हर जरूरत को पूरा करने के लिए फार्मेसी पहला सेंटर प्वाइंट रहा है। आमतौर से मरीजों को लोकल फार्मासिस्ट पर भरोसा होता है, क्योंकि फार्मासिस्ट उन मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री को जानते है। इस के साथ ही ये फार्मासिस्ट उनके घरों से केवल 5 से 10 मिनट की दूरी के अंदर उपलब्ध होते हैं। मेडबिक्री का लक्ष्य फार्मेसियों को ई-क्लीनिक में बदलना है। यह उन्हें ग्राहकों के लिए डॉक्टर परामर्श, डायग्नोस्टिक टेस्ट के साथ अन्य बेसिक प्रक्रियाओं को उपलब्ध कराने में सक्षम करेगा। इससे मरीजों को भी फायदा होगा, क्योंकि उन्हें अब लंबी दूरी की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी और इलाज के लिए अस्पतालों और क्लीनिकों में देर तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। 3वन4 कैपिटल के पार्टनर अनुराग रामदासन ने कहा कि मेडबिक्री एक एसेट-लाइट दृष्टिकोण लेकर छोटे शहरों के लिए स्वास्थ्य संबंधी हर समस्या को दूर करने की कोशिश करेगा। टीम ने दर्शाया है कि उनका प्रदर्शन और भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के बारे में ज्ञान बहुत ही सराहनीय है, और हम इस यात्रा का हिस्सा बनने के लिए बहुत उत्साहित है।

 

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