December 23, 2024 4:49 pm

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दिन के बताए हुए रास्ते पर चलकर ही दुनिया और आखिरत की कामयाबी हासिल की जा सकती है :- मौलाना मुफ्ती फारूक मदनी।

सम्पादक :- दीपक मदान

रुड़की।प्रसिद्ध इस्लामिक धर्मगुरु मौलाना मुफ्ती फारूक मदनी (महाराष्ट्र) ने कहा कि मुसलमान की पहचान जहां उसके लिबास,टोपी व कपड़ों से होती है,वहीं उसका किरदार भी सहाबी कराम और नबियों वाला होना चाहिए।निकटवर्ती ग्राम लाठरदेवा शेख स्थित मदरसा दारुस्सलाम में आयोजित दीनी जलसे को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपने किरदार को इस्लामिक तरीके से पेश करना चाहिए।इस्लाम धर्म हमें सच्चाई के मार्ग पर चल कर अपना जीवन व्यतीत करने का आदेश देता है।इस्लाम के मानने वाले लोग सादगी के साथ अपनी जिंदगी को गुजारें।दीन के बताए हुए रास्ते पर चलकर ही दुनिया और आखिरत की कामयाबी हासिल की जा सकती है।मोमिन की असल जिंदगी तो मरने के बाद शुरू होनी है और जिसके लिए हमें दीन और हदीस के बताए रास्ते पर चलकर नेक बनने की जरूरत है।मुफ्ती मोहम्मद सलीम,मौलाना अरशद कासमी,मौलाना मोहम्मद आरिफ,मौलाना अजहर उल हक ने कहा कि इस्लाम मजहब में औरतों के लिए पर्दे का होना बहुत जरूरी बताया गया है,इसके साथ ही हमें अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए उन्हें अच्छी तबीयत और शिक्षा देनी होगी,वहीं समाज में फैल रही कुरीतियों को दूर कर दीनी तरीके से अपनी जिंदगी गुजारनी होगी।उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के अंदर वर्तमान समय में नशाखोरी समेत अनेक बुराइयां पनपती जा रही हैं,जिसकी वजह से मुसलमान असल रास्ते से भटक दीनी तालीम से दूर होता जा रहा है,इसकी वजह यह भी है कि मां बाप अपने बच्चों को ना तो अच्छी शिक्षा दे रहे हैं और ना ही उन्हें तबियत दी जा रही है। मदरसा के संस्थापक कारी शमीम अहमद ने कहा कि अपने बच्चों को दीनी और दुनियावी तालीम देने के साथ ही हम उन्हें अपने घरों में अच्छी तबियत भी दें।आज मुस्लिम औरतें बेपर्दा होकर अपने घरों से निकल रही हैं।ब्याह-शादियों में डीजे बजाना,फोटोग्राफी आम हो गई है।दहेज प्रथा लगातार बढ रही है,इन सब सामाजिक बुराइयों से आज कौम को बचने की जरूरत है।वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स ने कहा कि आज के बदले हुए इस दौर में हमें अपनी सोच भी बदलनी होगी।दुनिया आज टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बहुत आगे जा चुकी है।मुसलमानों को चाहिए कि वह दीनी शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा भी हासिल करें,तभी कौम की तरक्की होगी।हमें शिक्षा की अहमियत को समझना होगा जो तरक्की की ओर ले जाने वाली है।जलसे में मदरसे के नौ बच्चों को हाफिज ए कुरान होने पर दस्तारबंदी कर उन्हें सर्टिफिकेट दिये गये।दीनी जलसे का आगाज कलाम ए पाक की तिलावत से हुआ तथा समापन विशेष दुआओं के साथ हुआ।इस मौके पर कारी मोहम्मद अख्तर,मौलाना अब्दुस समद,मौलाना साहिबे आलम,राज्य हज कमेटी के चेयरमैन मु.खतीबी,मौलाना मोहम्मद मोहसिन,प्रधान बहरोज आलम व इमरान देशभक्त आदि मौजूद रहे।

 

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