सम्पादक :- दीपक मदान
उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक महोदय अशोक कुमार की पहल पर तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदया श्रीमति श्वेता चौबे,जनपद पौड़ी गढ़वाल के निर्देशन में एवम अपर पुलिस अधीक्षक महोदय, कोटद्वार शेखर चंद सुयाल व क्षेत्राधिकारी कोटद्वार गणेश लाल कोहली व नोडल अधिकारी महोदय वैभव सैनी के निकट निर्देशन में एवम प्रभारी निरीक्षक ahtu, कोटद्वार, राजेंद्र सिंह खोलिया के प्रभार में 02 माह लिए प्रदेश स्तर पर चलाए जा रहे “ऑपरेशन मुक्ति” जिसकी थीम है,”भिक्षा नहीं शिक्षा दें।
थाना लक्ष्मणझूला क्षेत्र के गंगा माता के घाट पर दिल्ली से गंगा स्नान के लिए आए देश – विदेश तथा बाहरी राज्यों से आए मां गंगा भक्तों के समूह के द्वारा गंगा भक्ति गीत साज सज्जा के साथ गाते हुए सभी मन मुग्ध हो रहे थे। भक्तों की टोली में से ही एक माता जी,गंगा माता जी की वेशभूषा में भी थी ।
उत्तराखंड जनपद पौड़ी “ऑपरेशन मुक्ति” टीम के अपर उप निरीक्षक कृपाल सिंह, एचजी कृष्ण चंद नवानी के हाथों में ऑपरेशन मुक्ति की तख्तियों को देखकर पूंछा की “ऑपरेशन मुक्ति” क्या है।
“ऑपरेशन मुक्ति” अभियान के संबंध में बताया गया कि जो बच्चे बाल मजदूरी,भिक्षावृति में लिप्त है या जबरन कोई करवाता है,रोड पर गुब्बारा बेंचते है आदि के माता पिता व बच्चों को शिक्षा के महत्व को बताकर इन बच्चों को इन सबसे मुक्त कराकर इनके सुनहरे दृष्टिगत रखते हुए इन सभी बच्चों को इनके निवास स्थान के किसी भी करीबी स्कूल में प्रवेश दिलाकर शिक्षा से जोड़ते है। आप सभी से अपील की जाती है कि आप भी किसी भी बालक को भीख ना दें और 06 वर्ष से 14 वर्ष तक के बच्चों से कोई मेहनत मजदूरी का काम ना ले तथा 14 वर्ष से 18 वर्ष के बच्चों को किसी जोखिम भरे काम पर ना लगाएं एवम जरूरतमंद बच्चों की मदद कर उन्हें स्कूल भेजे ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल बन सके। उत्तराखंड जनपद पौड़ी पुलिस के ऑपरेशन मुक्ति अभियान के संबंध में जनता के लोगों ने कहां की हम अपने जीवन में पहलीबार देख रहे है कि पुलिस बच्चों को शिक्षा से जोड़ रही है। इस अभियान से निश्चित ही बच्चों के प्रति लोगों का रवैया अच्छा रहेगा और हम भी ऐसे बच्चों को स्कूल भेजेंगे और मदद भी करेंगे। बच्चों को भीख देना एक कलंक है। हम भी इसके खिलाफ है।
पुलिस टीम:-
1-महिला उपनिरीक्षक सुमनलता
2-अपर उप निरीक्षक कृपाल सिंह
3 – कांस्टेबल आशीष बिष्ट
4-कांस्टेबल मुकेश डोबरियाल
5-महिला कांस्टेबल विद्या मेहता।