सम्पादक :- दीपक मदान
रुड़की।मुशायरा और कवि सम्मेलन आपसी भाईचारा तथा राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देते हैं,इससे साहित्य की सेवा के साथ-साथ सौहार्द का वातावरण भी उत्पन्न होता है।उक्त् विचार लोकप्रिय विधायक तथा वरिष्ठ पत्रकार उमेश कुमार शर्मा ने यहां एक होटल में आयोजित मुशायरे में बतौर मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए व्यक्त किए।उन्होंने कहा कि साहित्यकारों का योगदान भुलाया नहीं जा सकता,क्योंकि उन्होंने समाज तथा राष्ट्र की एकता की मजबूती के लिए भाईचारे के साथ ही स्वतंत्रता आंदोलन में भी अपना योगदान दिया है।उन्होंने कहा कि आज के समय में कवियों व शायरों की बड़ी जिम्मेदारी बढ़ गई है कि वह समाज को सही रास्ता दिखाएं तथा जुल्म व अत्याचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करें।उन्होंने कहा कि ईमानदारी और सच्चाई पर चलकर कभी भी आदमी को असफलता नहीं मिलती।मैंने अपने जीवन में यही सूत्र अपनाकर जनता की सेवा को अपना उद्देश्य बनाया है।उन्होंने कहा कि अपने खानपुर विधानसभा क्षेत्र में जितने विकास कार्य उनके द्वारा किए गए हैं वह ईमानदारी और लगन के साथ किए हैं।इस तरह के विकास अन्य किसी भी क्षेत्र में आज दिखाई नहीं दे रहे हैं और उन्होंने कहा कि मेरी सेवा और संघर्ष को देखते हुए जनता ने मुझे अपना अपार प्यार दिया है।मैं किसी भी दल,धर्म और राजनीति से ऊपर उठकर जनता की सेवा को अपना धर्म मानता हूं।उन्होंने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव में जनता ईमानदार और उसके लिए हर समय तत्पर रहने वाले प्रत्याशी को ही अपना प्रतिनिधित्व सौंपेगी।मुझे इस बात की खुशी है कि पूरे जनपद हरिद्वार ही नहीं,बल्कि प्रदेश के कोने-कोने से मुझे निमंत्रण मिल रहे हैं कि हमारी लोकसभा से चुनाव लड़े और हमें सेवा का अवसर दें,लेकिन जिला हरिद्वार में मेरी आत्मा बसती है।यहां गंगा के साथ-साथ पिरान कलियर राष्ट्रीय एकता की प्रतीक दरगाह है,जहां से सभी लोग लाभान्वित होते हैं,जिस प्रकार गंगा मैया किसी का धर्म,जाति नहीं देखती और सभी का कल्याण करती है,उसी प्रकार हमें एक जनप्रतिनिधि के रूप में जनता की सेवा बिना धार्मिक भेदभाव की करनी चाहिए,जो मैंने अपना मूल मंत्र बना लिया है।इस अवसर पर अनेक शायरों ने अपने-अपने कलाम पेश किए।अंत में प्रधान अब्दुल अजीज ने सभी का आभार प्रकट किया।