सम्पादक :- दीपक मदान
हरिद्वार। पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास होमस्टे विकास योजना के अंतर्गत चयनित आवेदकों के साक्षात्कार हेतु ज़िला चयन समिति की बैठक मुख्य विकास अधिकारी हरिद्वार प्रतीक जैन की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में आयोजित की गई।
वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना में वाहन मद के अन्तर्गत 22 आवेदक, गैर वाहन मद में 01 आवेदक व दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास होम स्टे विकास योजना के अंतर्गत 04 आवेदकों के द्वारा आवेदन किया गया था जिन्हें जिला अनुश्रवण समिति के सम्मुख प्रस्तुत किया गया और सभी आवेदकों का साक्षात्कार किया गया, जिसके आधार पर उक्त आवेदन पत्रों का निरीक्षण एवं परीक्षण करने के उपरांत समिति द्वारा वाहन मद में 11, गैर वाहन मद में 01 एवं होम स्टे योजना के अंतर्गत 04 आवेदकों के आवेदन को वित्त पोषण हेतु योजना के अंतर्गत चयन किया गया।
मुख्य विकास अधिकारी ने जिला पर्यटन विकास अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि समिति द्वारा स्वीकृत आवेदन पत्र सम्बन्धित बैंकों को तत्काल प्रेषित करना सुनिश्चित करें। उन्होंने अग्रणी जिला प्रबन्धक को निर्देशित करते हुए कहा कि आवेदकों को बैंकर्स द्वारा समयबद्धता से ऋण मुहैया कराया जाये। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिये कि ऋण स्वीकृत करने में आनाकानी करने वाले बैंकर्स के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने स्वरोजगार इच्छुक लोगों को योजना के तहत अधिक से अधिक व्यक्तियों को स्वरोजगार मुहैया करने हेतु जिला उद्योग केन्द्र तथा जिला पर्यटन विकास अधिकारी को निर्देशित किया, साथ ही संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनता को स्वरोजगार सम्बन्धी योजनाओं की जानकारी दें, जिससे वह भी योजनाओं का लाभ ले सकेंगे। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन ने कहा कि होमस्टे योजना के अंतर्गत भवन निर्माण में पहाड़ी थीम का प्रयोग किया जाये। इससे पहाड़ी परम्परा से देश विदेश के पर्यटक रूबरू हो सकेंगे व उत्तराखंड को अपनी विशिष्ट पहचान मिलेगी। बैठक में जिला पर्यटन विकास अधिकारी/क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी सुरेश सिंह यादव, लीड बैंक अधिकारी संजय संत, उद्योग विभाग से एस0पी0ए0 सचिन कुमार, एआरटीओ कार्यालय से टी0टी0ओ0 रविन्द्र पाल सैनी, डीडीएम नाबार्ड अखिलेश डबलराल, वरिष्ठ सहायक आशीष कुमार, मनोज तोमर, गम्भीर सिंह सहित आवेदक मौजूद रहे।