सम्पादक :- दीपक मदान
हरिद्वार 1 जुलाई 2023
एसएमजेएन पीजी कॉलेज, हरिद्वार के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा आईक्यूएसी के तत्वावधान में राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस मनाने के लिए आज कालेज के सभागार में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय था “सतत विकास लक्ष्यों की निगरानी के लिए राज्य संकेतक ढांचे को राष्ट्रीय संकेतक ढांचे के साथ संरेखित करना” ।
सांख्यिकी और आर्थिक नियोजन के क्षेत्र में प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस द्वारा किए गये उनके उल्लेखनीय योगदान को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने प्रत्येक वर्ष 29 जून को उनकी जयंती पर, राष्ट्रीय स्तर पर मनाये जाने वाले दिवस की विशेष श्रेणी में “सांख्यिकी दिवस” के रूप में मनाना सुनिश्चित किया है। इस दिवस का उद्देश्य सामाजिक आर्थिक योजना और नीति निर्माण में सांख्यिकी की भूमिका और महत्व के बारे में प्रोफेसर महालनोबिस से प्रेरणा लेने के लिए विशेष रूप से युवा पीढ़ी में सार्वजनिक जागरूकता पैदा करना है।
इस वर्ष सांख्यिकी दिवस की मुख्य थीम “सतत विकास लक्ष्यों की निगरानी के लिए राष्ट्रीय संकेतक ढांचे के
साथ राज्य संकेतक ढांचे का संमिश्रण करना ” है।
इस वर्ष ईद का त्यौहार होने के कारण महाविद्यालय में इसे 1 जुलाई को मनाया गया।यह जानकारी देते हुए कालेज के प्राचार्य डॉ सुनील कुमार बत्रा ने सभी को सांख्यिकी दिवस की बधाई दी एवं सांख्यिकीय टूल्स के सही प्रयोग करने के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि सतत् विकास के लिए सांख्यिकीय टूल्स एवं उसका विश्लेषण प्रमुख है। इनका प्रयोग बहुत ही सावधानी से करना चाहिए अन्यथा इसके दुष्परिणाम भी हो सकतें है। उन्होंने अपनी बात को एक कहानी के माध्यम से प्रतिभागियों को स्पष्ट किया।
इस अवसर पर इनरव्हील हरिद्वार की अध्यक्षा विनिता गोनियाल, मोनिका अरोड़ा, रूचिता सक्सेना,कनुप्रिया मिश्रा, मन्जू वत्स, डॉ विनीता कुमार, प्रियंका ,एवं रमन सैनी एडवोकेट मंचासीन रहे। आज के कार्यक्रम में कीनोट स्पीकर डॉ रूचिता सक्सेना अर्थशास्त्र विभाग ने सतत विकास लक्ष्यों की निगरानी के लिए राष्ट्रीय और राज्य संकेतक ढांचे के विकास में नीति आयोग और सांख्यिकी और योजना कार्यान्वयन मंत्रालय की भूमिका पर चर्चा के द्वारा संगोष्ठी को प्रारम्भ किया । उन्होंने
संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए इस बात पर बहुत गर्व महसूस किया कि भारत के एसडीजी सूचकांक में एसडीजी प्राप्त करने के मामले में भारत के सभी राज्यों के बीच, उत्तराखंड 2022 में तीसरे स्थान पर है। इसके अतिरिक्त उत्तराखण्ड राज्य एसडीजी 7 के अन्तर्गत
किफायती और स्वच्छ ऊर्जा और एसडीजी 16 के अन्तर्गत शांति न्याय और मजबूत संस्थान में प्रथम स्थान पर काबिज है। संगोष्ठी एक सकारात्मक नोट पर संपन्न हुई। यह शिक्षा जगत और नागरिक समाज की भागीदारी से एसडीजी और उनके स्थानीयकरण के बारे में जागरूकता पैदा करने में सक्षम हैं। इसमें प्रतिभागी अंतिम त्यागी, डॉ. लता शर्मा, डॉ. आशा शर्मा, सुश्री रश्मि डोभाल, डॉ. विजय शर्मा, डॉ. मोना शर्मा, रिकंल गोयल, अनन्या भटनागर, डॉ. अमिता मल्होत्रा डॉ लता शर्मा, डॉ विजय शर्मा, प्रियंका, डॉ डी एम त्रिपाठी, एडवोकेट रमन सैनी, अर्शिका वर्मा, सिमरन,गौरी अरोड़ा, अंशिका,अर्शिया नकुल
आदि छात्र छात्राऐं उपस्थित रहें।