सम्पादक :- दीपक मदान
⏺️ दिनांक 25/09/2023 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय गोपेश्वर सभागार में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से जारी दिशा निर्देशों के क्रम में Law on Arresting विषय में विवेचकों के लिए एकदिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण आयोजित किया गया।
⏺️ ऑनलाइन कार्यशाला में महत्वपूर्ण अपराधों में विवेचना का स्तर सुधारने हेतु संबंधित विवेचकों को निर्देशित किया गया।
⏺️07 वर्ष अथवा 07 वर्ष से कम की सजा का प्रावधान है उन प्रकरणों में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य के प्रकरण में निर्णय पारित किये गये है जिसके संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।
⏺️ विवेचना में हो रही त्रुटियो और आ रही दिक्कतों पर हुई चर्चा और दिया गया मार्गदर्शन
⏺️ सभी विवेचकों को क्रिमिनल अपील संख्या- 1277/2014 अरनेश कुमार बनाम बिहार राज्य व अन्य में पारित माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 (ए) का पालन किये जाने के सम्बन्ध में भी जानकारी दी गयी।
⏺️ गिरीश चन्द्र पंचोली, संयुक्त निदेशक (विधि) ने अपने उद्बोधन में वारंट के बिना किसी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किए जाने के संबंध में जानकारी दी गयी तथा 07 वर्ष अथवा 07 वर्ष से कम की सजा का प्रावधान है उन प्रकरणों में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अपीलार्थी अरनेश कुमार बनाम बिहार राज्य के प्रकरण में निर्णय पारित किये गयें है जिसके संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।
अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य एवं अन्य मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने कानूनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय दिया है फैसले में गिरफ्तारी की शक्ति का प्रयोग करते समय व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सामाजिक व्यवस्था के बीच संतुलन बनाने के महत्व पर जोर दिया गया। किसी को गिरफ्तार करते समय, पुलिस कर्मियों को सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि गिरफ्तारी स्वतंत्रता को सीमित करती है, अपमान प्रदान करती है और स्थायी निशान छोड़ जाती है। इसके अतिरिक्त, विवेचना अधिकारियों को अरनेश कुमार दिशा निर्देशों के बारे में पालन करना और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे मे विस्तृत जानकारी दिया गया।
⏺️इस दौरान कार्यशाला में पुलिस उपाधीक्षक ऑपरेशन सुश्री नताशा सिंह व विवेचकगण उपस्थित रहें।