सम्पादक :- दीपक मदान
हरिद्वार में अपने आगमन के पश्चात एसएसपी ऑफिस परिसर में पूर्व से स्थित वाटिका को इनके द्वारा नया रूप प्रदान किया गया और वाटिका में तरह-तरह के रंग-बिरंगे फूलों के पौधों को लाकर लगाया गया जैसे आइस फ्लावर, गजीनियां, जिरेनियम, बरबीना, बटरफ्लाई, लेडीज पर्स, जरबेरा, फ्यूशिया, कैलेंडुला, पैंजी, पिटूनियां, डायनथस, रैननकुलस, गुलाब, डहेलिया, आर्नामेंटल केल, अस्टर, सैनेरेरिया आदि।
एसएसपी द्वारा वाटिका के जीर्णोद्धार से आमजन को प्रकृति के संरक्षण का एक सुंदर संदेश दिया गया है जो पर्यावरण की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए बेहद उपयोगी है। प्रत्येक इतवार ऑफिस की छुट्टी होने पर यहां आसपास/दूर से प्रकृति को निहारने महिलाएं/बच्चे/बुजुर्ग बड़ी संख्या में आते हैं।
फूलदेई????त्यौहार उत्तराखंड का एक विशिष्ट बालपर्व है जो चैत महीने में संक्रांति की प्रथम तिथि को उत्तराखंड में बड़े उत्साह/उमंग के साथ मनाया जाता है। मूल रूप से ये त्यौहार मानव एवं प्रकृति के समन्वय का त्यौहार है। सनातन धर्म में भी नववर्ष चैत मास से ही प्रारंभ होता है। इस दिन प्रात:काल से बच्चे थाली में फूल लेकर गांव/शहर में घर-घर में फूलों की देहली पूजने जाते हैं और प्यार भरा इनाम पाते हैं। मां गंगा वाटिका घूमने भी कई सारे बच्चे समय-समय पर आते रहते हैं।