सम्पादक :- दीपक मदान
एस.एम.जे.एन. पी.जी. काॅलेज में आज उत्तरांचल पंजाबी महासभा तथा काॅलेज परिवार के संयुक्त तत्वाधान में महाविद्यालय परिसर में नीम, बिल्वपत्र, गुलमोहर, कनेर, जामुन अमरूद व अन्य औषधीय आदि के पौधों कोे रोपित कर पौधारोपण कार्यक्रम चलाया गया। इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण को स्वच्छ बनाने के लिए सामूहिक प्रयासों में अपना योगदान देने का भी संकल्प लिया गया।इस अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष महन्त रविन्द्र पुरी महाराज ने कहा सावन मास भगवान भोलेनाथ की भक्ति करने का पावन मास है तथा प्रकृति का संरक्षण ही भगवान शिव की सच्ची आराधना है। हमारी सनातन संस्कृति पंचतत्व से बनी है जिसकी हम पूजा करते हैं। प्रकृति ने हमें जो सनातन संस्कृति दी है उसे संजो कर रखना हम सभी का दायित्व है। हमें मानव जाति को बचाना है तो प्रकृति का बचाव आवश्यक है। इसलिए पौधारोपण आवश्यक है इसके लिए उन्होंने उत्तराचंल पजांबी महासभा की प्रशंसा की। उत्तरांचल पंजाबी महासभा के अध्यक्ष प्रवीण कुमार ने कहा कि वृक्ष अनेक प्रकार के जीव-जन्तुओं का निवास स्थान, वातावरण में प्राण वायु आक्सीजन की मात्रा सन्तुलित करने, मानव जीवन को विभिन्न संसाधनों से परिपूर्ण करने तथा मिट्टी एवं स्थल का अपरदन रोकने जैसी गतिविधियों के लिए वृ़क्ष के अतिरिक्त हमारा कोई दूसरा साथी नहीं हो सकता। उन्होंने उपस्थित जनों से पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका का बढ़-चढ़कर निर्वहन करने का आह्वान किया। जगदीश लाल पाहवा, वरिष्ठ समाज सेवी ने अपने सम्बोधन में कहा कि पर्यावरण का संरक्षण उत्तराखण्ड की संस्कृति है। पौधारोपण द्वारा ही जल संरक्षण एवं संवर्धन किया जा सकता है। उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं, शिक्षकों व कर्मचारियों से कम से कम एक पौधा रोपित करने का आह्वान किया। प्रसिद्ध समाज सेवी सुनील अरोड़ा ने कहा कि हमें वृक्षों के महत्व को समझना होगा। ऋषि-मुनियों ने भी वृक्षों को सूर्य, चन्द्रमा, गंगा की तरह पवित्र मानकर इसकी पूजा करने का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि एक वृक्ष जितनी आक्सीजन अपने पूरे जीवन में देता है वह कई व्यक्तियों को जीवन दे सकता है। अतः वृक्ष लगाना व उनका संरक्षण करना बहुत आवश्यक है। काॅलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने उत्तरांचल पंजाबी महासभा (रजि.) के समाजहित व जनहित के निर्णय पौधारोपण का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रकृति ने हमें अनेक प्रकार के वृक्ष और जड़ीबूटियाँ दी हैं, जो हमें प्राण वायु के रूप में आक्सीजन देते हैं। प्रकृति के रूप में वृक्ष हमारा पालन-पोषण व स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं परन्तु विकास की अंधी दौड़ में हम अनायास ही वृक्षों पर कुल्हाड़ी चलाकर अपने जीवन पर ही प्रहार कर रहे हैं। प्राचार्य ने आह्वान किया कि विकास और पर्यावरण में संतुलन बनाकर चलना आवश्यक है तथा वृक्ष रहेंगे तो मानव जीवन रहेगा। इस अवसर पर राम अरोड़ा, प्रदीप कालरा, प्रमेन्द्र गिल पूर्व पार्षद , हरजीत सिंह, नीलू खन्ना, हिमांशु चोपड़ा, राजकुमार अरोड़ा, संदीप कपूर, मीनाक्षी राय तनेजा, राजू ओबराय, कामनी सड़ाना, रक्षित वालिया, हिमानी, महाविद्यालय के डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी, प्रो. जगदीश चन्द्र आर्य, डाॅ. मोना शर्मा, वैभव बत्रा, डाॅ. विजय शर्मा, आदि सहित, काॅलेज के छात्र-छात्रा पूनम कण्डारी, इशा गोयल, स्वेता पंवार, कार्तिक कुमार, आकाश कुमार, आकाश, अंकुर कश्यप, अनुपम तथा रोबिन आदि ने पौधारोपण में सहयोग किया। इस अवसर पर पौधारोपण में सहयोग करने पर छात्र छात्राओं को प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष की ओर से मिष्ठान एवं चाकलेट आदि का वितरण किया।