सम्पादक :- दीपक मदान
दिनांक 17 अक्टूबर 2024 को भक्तों से भरे श्री बद्रीनाथ धाम की यात्रा पर एक बुजुर्ग महिला श्रद्धालु, श्रीमती आशालता, काफी परेशान नजर आईं। उनकी आंखों में बेहिसाब चिंता थी, और वे इधर-उधर भटक रही थीं। ऐसी स्थिति में, ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों की नजर उन पर पड़ी। उन्होंने तुरंत महिला श्रद्धालु की परेशानी का कारण पूछा।श्रीमती आशालता ने बताया कि वे अपने परिवार से बिछड़ गई हैं और काफी देर से उन्हें ढूंढ रही हैं। उनके चेहरे पर चिंता और उदासी की लकीरें थीं, जो ये बयां कर रही थीं कि एक बुजुर्ग महिला के लिए, इस पवित्र स्थान पर अपने परिवार से बिछड़ना कितना कठिन हो सकता है।पुलिस कर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें ढांढस बंधाया और उनकी मदद करने का आश्वासन दिया। पुलिसकर्मियों ने तुरंत अपनी पूरी टीम को सक्रिय किया और महिला श्रद्धालु के परिजनों की तलाश शुरू की। पुलिस कर्मियों की मेहनत जल्दी ही रंग लायी और उनके अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप, अंततः बुजुर्ग महिला श्रद्धालु के पुत्र अदायित्व मती, और बहू लिपिक माटी को खोज लिया गया। परिजनों से मिलने पर महिला श्रद्धालु भावुक हो उठीं और परिजनों ने पुलिस कर्मियों का कोटि-कोटि आभार व्यक्त किया। पुसिल कर्मियों के प्रयासों ने महिला श्रद्धालु व उनके परिवार को एक-दूसरे से मिलाया जो कि बैकुण्ठ धाम नें पुलिस की तत्परता और संवेदनशीलता को उजागर करता है।