संपादक दीपक मदान
देहरादून। याद करिए ! 16/17 जून 2013 की उस आपदा को जिसने केदारनाथ धाम में तबाही मचा दी थी। जलप्रलय ने समूची केदारपुरी को उलट-पुलट कर दिया था। धाम में बाबा केदार के मंदिर को छोड़कर कोई भी भवन साबुत नहीं बचा। हजारों श्रद्धालुओं ने अपनी जान गंवा दी थी। घोड़ा संचालकों से लेकर तीर्थ पुरोहितों तक सबकी आजीविका छिन गई थी। उनकी जीवनभर की कमाई बर्बाद हो गई थी। इस तबाही का मंजर देख चुके हर व्यक्ति को लगता था कि शायद ही केदारनाथ धाम अब फिर से अपने अस्तित्व में आ पाएगा। अब वही केदारनाथ धाम नया कलेवर आकार ले चुका है। सज-संवर के तैयार हुआ धाम श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। जो भी केदारपुरी की नई तस्वीर को देख रहा है वो दंग हुए बिना नहीं रहा पा रहा। सोच रहा है यह असंभव काम कैसे संभव हो पाया।
सब जानते हैं कि केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति का ही नतीजा है। भोले शंकर के प्रति आस्था की सार्थकता उन्होंने केदारपुरी के पुनर्निर्माण से सार्थक की लेकिन मोदी का बड़प्पन देखिए! आज जब केदारनाथ पहुंचकर उन्होंने पुननर्निर्माण परियोजना का लोकार्पण किया तो इसका पूरा श्रेय बाबा केदार को दिया। उन्होंने कहा कि ईश्वर की कृपा बगैर यह कार्य संभव नहीं था।
दरअसल, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ आपदा के समय से ही केदारपुरी के पुनर्निर्माण के लिए चिंतित थे। वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा के समय गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने तत्कालीन उत्तराखंड सरकार को केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण में सहयोग का प्रस्ताव दिया था, जिसे अनुमति न मिल सकी। इसके बाद 2014 में प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बाद नरेन्द्र मोदी ने इसका विस्तृत रोडमैप तैयार करवाया और फिर इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी। अब तक इस प्रोजेक्ट के प्रथम चरण में तकरीबन 409 करोड़ के काम पूरे हो चुके हैं इनमें शंकराचार्य सामधि, उनकी प्रतिमा की स्थापना, सर्कुलर प्लाजा (चबूतरा), सेंटर एक्सिस (मंदिर) पहुंच मार्ग, टैम्पल प्लाजा (मंदिर परिसर), रामबाड़ा से केदारनाथ मार्ग की चौड़ाई, केदारनाथ से गरुड़चट्ट मार्ग, मंदाकिनी नदी पर 60 मीटर पुल, भैरव मंदिर पुल, भैरव मंदिर मार्ग, शौचालय, सीतापुर पार्किंग, सोनप्रयाग शौचालय, पैदल मार्ग पर एमआरपी, केदारनाथ में हाट बाजार, रुद्रा प्वाइंट से बेस कैंप तक 50 दुकानें, घोड़ा पड़ाव, दिव्य शिला आदि शामिल हैं। जबकि दूसरे चरण में लगभग 200 करोड़ के काम शुरू हो चुके हैं। इनमें संगम घाट का नवनिर्माण, आस्था पथ पर रेन शेल्टर, वाटर एटीएम, कमांड एंड कंट्रोल रूम, अस्पताल भवन समेत अन्य कार्य किए जा रहे हैं। तीसरा चरण अप्रैल 2022 के बाद शुरू होगा, जिनका आज प्रधानमंत्री ने शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य में केदारनाथ को सड़क मार्ग से जोड़ने की योजना पर भी काम शुरू हो गया है।
प्रधानमंत्री मोदी इन कार्यों की मॉनीटरिंग के लिए लगातार चार बार 3 मई 2017, 20 अक्टूबर 2017, 7 नवम्बर 2018 और 18 मई 2019 को केदारनाथ पहुंचे। इसके अलावा दिल्ली से वर्चुअली भी कई बार वे निर्माण कार्य की समीक्षा करते रहे। आज पांचवीं बार केदारनाथ पहुचंकर उन्होंने दिव्य और भव्य केदारपुरी का लोकार्पण किया। निश्चित रूप से नए स्वरूप में आ चुके केदारनाथ धाम में आदिगुरु श्री शंकराचार्य जी के समाधि स्थल और प्रतिमा के दर्शन से तीर्थयात्रियों को आध्यात्मिक चेतना की अनुभूति होगी।