संपादक :- दीपक मदान
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में आठवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। छह दिवसीय कार्यक्रम के तहत संस्थान में बीती 16 जून से 21 जून तक विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यशाला में लगभग 500 लोगों ने प्रतिभाग किया। मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर एम्स ऋषिकेश में आयुष विभाग के तत्वावधान में इस वर्ष की थीम मानवता के लिए योग पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एम्स निदेशक प्रोफेसर अरविंद राजवंशी जी ने कहा कि योग एक समय में ऋषि-मुनियों द्वारा ही किया जाता था,परंतु अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयासों के तहत यह हर व्यक्ति तक पहुंच चुका है। लिहाजा हर साधारण व्यक्ति को भी इसका लाभ और इसके विषय में ज्ञान है। उन्होंने निरोगी व दीर्घजीवन प्राप्त करने के लिए योग को नियमितरूप से अपनाने पर जोर दिया। विशिष्ट अतिथि डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने बताया कि योग शरीर, मन और आत्मा के मिलन का माध्यम है। उन्होंने कहा कि योग 5000 वर्ष से चली आ रही प्राचीन पद्धति है, जो मनुष्य की रोग प्रतिरोधक शक्ति में सुधार करने में मदद करती है। एम्स अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने योग को दिनचर्या में शामिल करने पर जोर दिया। उन्होंने निरोगी रहने के लिए नियमित योगाभ्यास जरूरी है। समारोह में संस्थान की आयुष विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वर्तिका सक्सेना ने कहा कि योग सार्वभौम का प्रतीक है, स्वास्थ्य और कल्याण की आकांक्षा के लिए यह जीरो बजट में स्वास्थ्य बीमा है। उन्होंने कहा कि योग एक भारतीय पद्धति होने के कारण हमें इसको बढ़ावा देना चाहिए, प्रो. वर्तिका सक्सेना ने कहा कि खासकर कोविड-19 से निकलने में हमारी प्राचीन पद्धतियों में योग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। समारोह में संस्थान के एमएस प्रोफेसर संजीव मित्तल, प्रिंसिपल कॉलेज ऑफ नर्सिंग डॉ. स्मृति अरोड़ा, अधीक्षण अभियंता बीएस रावत, सीनियर एओ शशिकांत, जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल,प्रशासनिक अधिकारी प्रदीप पांडे सहित सभी संकाय सदस्य और नर्सिंग कर्मचारीगण मौजूद रहे। कार्यशाला के आयोजन में रिसर्च ऑफिसर डा. अमेटी, डा. वामा, योगा इंस्ट्रक्टर दीपचंद जोशी, पीएचडी योगा स्टूडेंट्स अनीता, विकास के अलावा संदीप भंडारी, किरन बर्तवाल, बीना, अमित भारद्वाज, अत्रेस, सीमा, राहुल, रंजना, अमन आदि ने सहयोग प्रदान किया।